घिरना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]घिरना क्रि॰ अ॰ [सं॰ ग्रहण]
१. किसी चारों ओर फैली हुई वस्तु के बीच में पड़ना । किसी बस्तु से चारों ओर व्याप्त होना । सब और से छेंका जाना । आवृत होना । आवेष्टित होना । घेरे में आना । जैसे,—वह चारों और शत्रुओं से घिर गया ।
२. चारों ओर छाना । चारों ओर इकट्ठा होना । जैसे,—वटा घिरना । विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग घटा और बादल के ही साथ प्राप्त होता है ।