घिस्सा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]घिस्सा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ घिसना] रगड़ा । जैसे,—घिस्सा लगते ही कनकौआ कट गया । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।—बैठना ।—लगना ।
२. धक्का । ठोकर ।
३. वह आघात जो पहलवान अपनी कुहनी और कलाई के बीच की हड़्डी की रगड़ से देते हैं । कुंदा । रद्दा ।
४. लड़कों का एक खेल जिसमें एक अपनी नख या डोरी की रगड़ से दूसरे की नख या डोरी को काटने का यत्न करता है ।