घीव

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

घीव पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ घृत] दे॰ 'घी' उ॰—दूध के बीच में घीव जैसे, ऐसे फूल के बीच में बास हे जी—कबीर॰ रे॰, पृ॰ २७ ।