घुड़कना क्रि॰ स॰ [सं॰ घुर] किसी पर कुद्ध होकर उसे डराने के लिये जोर से कोई बात कहना । कड़ककर बोलना । डाँटना । जैसे,—जो लड़के घुड़कने से नहीं मानते, वे मार को भी कुछ नहीं समझते ।