घुलना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

घुलना क्रि॰ अ॰ [सं॰ घूर्णन, प्रा॰ घुलन]

१. पानी, दूध आदि पतली चीजों में खूल हिल मिल जाना । किसी द्रव पदार्थ में मिश्रित हो जाना । हल होना । जैसे,—चीनी को अभी हिलाओ जिसमें पानी में घुल जाय । संयो॰ क्रि॰—जाना । यौ॰—घुलना मिलना । मुहा॰—घुल घुलकर बातें करना=खूब मिल जुलकर बाते करना । अभिन्नहृदय होकर बातें करना । बड़ी घनिष्ठता के साथ बातें करना । उ॰—अबासी से और उनसे घुल घुल के बातें होने लगीं—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ २८ । घुल मिलकर=खूब मेलजोल के साथ । नजर या आँखें घुलना=प्रेमपूर्वक आँख से आँख मिलाना । कलम का घुल जाना=कलम का स्याही में रहते रहते नरम हो जाना जिससे वह खूब चले ।

२. जल आदि के संयोग से किसी पदार्थ के अणुओं का अलग अलग होना । द्रवित होना । गलना ।

३. पककर पिलापिला होना । नरम होना । जैसे,—खूब घुले घुले आम लाना ।

४. रोग आदि से शरीर का क्षीण होना । दुर्बल होना । मुहा॰—घुला हुआ=बुडढा । वृद्ध । घुल घुलकर काँटा होना= बहुत दुबला हो जाना । इतना हो जाना कि शरीर हडि्डयाँ दिखाई दें । घुल घुलकर मरना=बहुत दिनों तक कष्ट भोगकर मरना ।

५. दाँव का हाथ से निकल जाना या जाता रहना । (जुआरी) ।

६. (समय) बीतना । व्यतीत होना । गुजरना । जैसे,—जरा से काम में महीनों घुल गए ।