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घृत

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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घृत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. घी । तपाया हुआ मक्खन ।

२. मक्खन (को॰) ।

३. जल ।

४. तेजस । शक्ति (को॰) । यौ॰ = घृतकरंज, घृतपर्ण, घृतपूर्णक = एक प्रकार का करंज वृक्ष । घृतकेश, घृतदीधिति, घृतप्रतीक, घृतप्रयस, घृतप्रसत्त = अग्नि ।

घृत ^२ वि॰ [सं॰]

१. आर्द्र किया हुआ । सिंचित । तर ।

२. घोतित । आलोकित [को॰] ।

घृत ^१ वि॰

१. धरा हुआ । पकड़ा हुआ । उ॰—हुए जीवन मरण के मध्य घृत से वे ।—साकेत, पृ॰ ५१ ।

२. धारण किया हुआ । ग्रहण किया हुआ ।

३. स्थिर किया हुआ । निश्चित ।

४. पतित ।

५. तौला हुआ (को॰) ।

६. तैयार किया हुआ । प्रस्तुत (को॰) ।