घ्राण संज्ञ स्त्री॰ [सं॰] [वि॰ घ्रेथ] १. नाक । उ॰—श्रोत्र त्वक चक्षु घ्राण रसना रस को ज्ञान ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ५८८ ।