चँगेल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चँगेल संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक घास जो पुराने खेड़े या गिरी हुए मकानों के खँडहरों में उत्पन्न होती है । विशेष—इसकी पत्तियाँ गोल गोल होती है और खाने में कुछ कनकनाती हैं । इसमें कुछ कालापन लिए लाल रंग के घंटी के आकार के फूल लगते हैं । बीज गोल गोल होते हैं और हकीमी चिकित्सा में ये खुब्बाजी के नाम से प्रसिद्ध हैं । यह घास फारस के शीराज, मर्जदरान आदि प्रदेशों में बहुत होती है ।