चंद्रकाम

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चंद्रकाम संज्ञा पुं॰ [सं॰ चन्द्रकाम] वह पीडा जो किसी पुरुष को उस समय होती है, जब कोई स्त्री उसे वशीभूत करने के लिये मंत्र तंत्र आदि का प्रयोग करती है ।