चकार संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वर्णमालों में छठा व्यंजन वर्ण । २. दुःख या सहानुभूतिसूचक शब्द । जैसे,—वह वही खड़ी सब देखता था पर उसके मुँह से चकार तक न निकला ।