चकार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चकार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वर्णमालों में छठा व्यंजन वर्ण ।

२. दुःख या सहानुभूतिसूचक शब्द । जैसे,—वह वही खड़ी सब देखता था पर उसके मुँह से चकार तक न निकला ।