चक्रव्यूह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चक्रव्यूह संज्ञा पुं॰ [सं॰] प्राचीन काल के युद्ध समय में किसी व्यक्ति या वस्तु की रक्षा के लिये चारो ओर कई घेरों में सेना की कुंडलाकार स्थिति । विशेष—इसकी रचना इतनी चक्करदार होती थी कि इसके भीतर प्रवेश करना अत्यंत कठिन होता था । महाभारत में द्रोणाचार्य ने यह ब्यूह रचा था जिसमें अभिमन्यु मारे गए थे । इसका आकार इस प्रकार माना जाता है ।