चखना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चखना क्रि॰ स॰ [सं॰ चष] स्वाद लेना । स्वाद लेने के लिये मुँह में रखना । स्वाद या मजा लेते हुए खाना । उ॰— साहब का घर दूर है जैसे लंब खजूर । चढै़ तो चाखै प्रेम रस गिरै तो चकनाचूर (शब्द॰) । संयो॰ क्रि॰—डालना ।—लेना ।
चखना क्रि॰ स॰ [हिं॰ 'चखना' का प्रे॰ रूप] खिलाना । स्वाद दिलाना ।