चञ्चला
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चंचला संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चञ्चला]
१. लक्ष्मी ।
२. बिजली ।
३. पिप्पली ।
४. एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में १६ अक्षर होते है (र ज र ज र ल— /?/) । इसका दूसरा नाम चित्र भी है । जैसे,—री जरा जुरी लखो कहाँ गयो हमैं बिहाय । कुंज बीच मोहि तीय ग्वाल बाँसुरी बजाय । देखि गोपिका कहैं परी जु टूटि पुष्प माल । चंचला सखी गई बिलाय आजु नंदलाल ।