सामग्री पर जाएँ

चढ़ती

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चढ़ती संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चढ़ना]

१. दे॰ 'चढ़त' ।

२. अभ्युदय । उन्नति । उ॰—पूँजी पाई साच दिनोदिन होती बढ़ती । सतगुरु के परताप भई है, दोलत चढ़ती । पलटू॰, भा॰

१. पृ॰ ३९ ।