चतुर्धा अव्य॰ [सं॰] चार तरह से । चार प्रकार से । उ॰— श्री कृष्ण भगवान् का लोक एक होकर भी लीला भेद से चतुर्धा प्रकाशित होता है ।—पोद्दार अभिनय, पृ॰, ६३७ ।