चपना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
चपना क्रि॰ अ॰ [सं॰ चपन( = कूटना, कुचलना)]
१. दबाना । दाव में पड़ना । कुचल जाना । उ॰—चपति चंचला की चमक हीरा दमक हिराय । हाँसी हिमकर जोति की होति हास तिय पाय ।—राम॰ धर्म॰, पृ॰ २४२ ।
२. लज्जा से गड़ जाना । लज्जित होना । सीर नीचा करना । शरमाना । झेंपना । झिप जाना । चौपट होना । नष्ट होना ।