चमत्कार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चमत्कार संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ चमत्कारी, चमत्कृत]
१. आश्चर्य । विस्मय ।
२. आश्चर्य का विषय । वह जिसे देखकर चित्त में विस्मययुक्त आह्लाद उत्पन्न हो । अद्भुत व्यापार । विचित्र घटना । असाधारण और अलौकिक व्यापार । करामात ।
३. अनूठापन । विचित्रता । विलक्षणता । जैसे,—इस कविता में कोई चमत्कार नहीं हैं ।
४. डमरू ।
५. अपामार्ग । चिचड़ा