चमार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चमार ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ चर्मकार] [स्त्री॰ चमारिन, चमारी] एक नीच जाति जो चमड़े का काम बनाती है ।

२. उक्त जाति का व्यक्ति ।

३. तुच्छ व्यक्ति । निम्न प्रकृतिवाला व्यक्ति । यौ॰—चमार चौदस = (१) चमारों का उत्सव । (२) वह धुम— धाम जो छोटे और दरिद्र लोग इतराकर करेतै हैं । चार दिन का जलसा ।

चमार ^२ वि॰ निम्न प्रकृतिवाला । तुच्छ ।