चरन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चरन पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ चरण] दे॰ 'चरण' । चूक परी सेवन नहिं पाए, चरन सरोज पुनीत ।—पोद्दार अभि॰ ग्रं॰, पृ॰ २३७ । विशेष—'चरन' के यौगिक आदि के लिये देखो 'चरण' के यौगिक ।

चरन धरन संज्ञा पुं॰ [सं॰ चरण + हिं॰ धरना] खड़ाऊँ ।