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चरपरा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चरपरा ^१ वि॰ [अनु॰] स्वाद में तीक्ष्ण । झालदार । तिता । उ॰—(क) खंडहि, कीन्ह आँब चरपरा । लौंग इलाची सो खँडबरा ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) मीठे चरपरे उज्वल कौरा । हौंस होइ तौ ल्याऊ औरा ।—सूर (शब्द॰) । विशेष—नमक, मिर्च, खटाई आदि के संयोग से यह स्वाद उत्पन्न होता है ।

चरपरा ^२ वि॰ [सं॰ चपल अथवा हिं॰ अनु॰] चुस्त । तेज । फुरतीला ।