चराचर वि॰ [सं॰] १. चर और अचर । जड़ और चेतन । स्थावर और जंगम । उ॰—त्रिभुवन हार सिंगार भगवती सलिल चराचर जाकै ऐन । सूरजदास विधाता के तप प्रकट भई सतन सुखदैन ।—सूर (शब्द॰) । २. जगत् । संसार । ३. कौड़ी ।