चर्मकार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चर्मकार संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ चर्मकारी] चमड़े का काम करनेवाली जाति । चमार । विशेष—मनु के अनुसार निषाद पुरुष और वैदही स्त्री के गर्भ से इस जाति की उत्पत्ति है । पराशर ने तीवर और चांडाली से चर्मकार की उत्पत्ति मानी है । पर्या॰—चमार । कारावर । पादुकृत् । चर्मकृत् । चर्मक । कुवट । पादुकाकार ।