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चलन

विक्षनरी से

संज्ञा

प्रचलन, उपयोग किया जाने वाला

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

चलन ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चलना]

१. चलने का भाव । गति । चाल । यौ॰—चलनहार ।

२. रिवाज । रस्म । व्यवहार । रीति । मुहा॰—चलन से चलना=अपने पद या मर्यादा आदि के अनुकूल काम करना । उचित रीति से व्यवहार करना ।

३. किसी चीज का व्यवहार, उपयोग या प्रचार । जैसे— (क) आजकल ऐसी टोपी का बहुत चलन है । (ख) बादशाही जमाने के रुपयों का चलन अब उठ गया । क्रि॰ प्र॰—उठना ।—चलना । होना । यौ॰—चलनसार ।

चलन ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] ज्योतिष में एक क्रांतिपात गति अथवा विषुवत् की उस समय की गति, जब दीन और रात बराबर होते हैं । यौ॰—चलनकलन ।

चलन ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. गति । भ्रमण ।

२. काँपना । कंपन ।

३. हिरन ।

४. चरण । पैर । उ॰—चरन चलन गतिवंत पुनि अंघ्रिपाद पद पाइ ।—अनेकार्थ॰, पृ॰ ३२ ।

५. नृत्य में एक प्रकार की चेष्टा ।

चलन समीकरण संज्ञा पुं॰ [सं॰] गणित की एक क्रिया । वि॰ दे॰ 'समीकरण' ।