चाँटा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चाँटा ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चिमटना] [स्त्री॰ चाँटी] च्यूँटा । चिउँटा । उ॰—(क) नेरे दूर फूल जस काँटा । दूर जो नेरे जस गुरु चाँटा ।—जायसी (शब्द॰) (ख) अदल कहौं प्रथमै जस होई । चाँटा चलत न दुखवै कोई ।—जायसी (शब्द॰) ।
चाँटा ^२ संज्ञा पुं॰ [अनु॰ चट या सं॰ चट (= तोड़ना)] थप्पड़ । तमाचा । चपत । क्रि॰ प्र॰—जड़ना ।—देना ।—मारना ।—लगाना ।