चातुर्वर्ण्य
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
चातुर्वर्ण्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. चारों वर्ण अर्थात् ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र ।
२. चारों वर्णों का अनुष्ठेय धर्म । जैसे,— ब्राह्मण का धर्म यजन, याजन, दान, अध्यापन, अध्ययन और प्रतिग्रह; क्षत्रिय का धर्म बाहुबल से प्रजापालन इत्यादि ।