चातुर्वर्ण्य

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चातुर्वर्ण्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. चारों वर्ण अर्थात् ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र ।

२. चारों वर्णों का अनुष्ठेय धर्म । जैसे,— ब्राह्मण का धर्म यजन, याजन, दान, अध्यापन, अध्ययन और प्रतिग्रह; क्षत्रिय का धर्म बाहुबल से प्रजापालन इत्यादि ।