चाबुक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चाबुक ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰]

१. कोड़ा । हंटर । सोंटा । क्रि॰ प्र॰—जडना ।—देना ।—फटकारना ।—मारना । लगाना । यौ॰—चाबुकसवार ।

२. कोई ऐसी बात जिससे किसी कार्य के करने की उत्तेजना उत्पन्न हो । जैसे,—तुम्हारी व्यंग्यभरी बात ही उसके लिये चाबुक हो गई ।

चाबुक ^२ वि॰ तेज । तीव्र । फुर्तीला ।

चाबुक ^३ संज्ञा पुं॰ [तु॰ चाबुक] प्याला ।