चाल
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विशेषण
चलने का तरीका, शैली
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
चाल ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चलना, सं॰ चार ]
१. गति । गमन । चलने की क्रिया । जैसे— इस गाड़ी की चाल बहुत धीमी है ।
२. चलने का ढंग । चलने का ढब । गमन प्रकार । जैसे, —यह घोड़ा बहूत अच्छी चाल चलता है । उ॰— रहिमन सूधी चाल ते प्य़ादा होत वजीर । फरजी मीरन ह्वै सकै, टेढे़ की तासीर ।— रहीम (शब्द॰) ।
३. आचरण । चलन । बर्ताव । व्यवहार । जैसे, — (१) अपनी इसी बुरी चाल से तुम कहीं नहीं टिकने पाते । (२) अपने सुत की चाल न देखत उलटी तू हम पै रिस ठानति । — सुर (शब्द॰) ।
चाल ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. घर का छप्पर या छत । छाजन ।
२. स्वर्णचूड़ पक्षी ।
३. चलना । गतिशील होना (को॰) ।
४. नीलकठ (को॰) ।