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चिनगारी

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चिनगारी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चूर्ण, हिं॰ चुन + अंगार ?]

१. जलती हुई आग का छोटा कण या टुकड़ा । जैसे,—एक चिनगारी आग इसपर रख दो ।

२. दहकती हुई आग मे ं से फूट फूटकर उड़नेवाला कण । अग्निकण । स्फूलिंग । क्रि॰ प्र॰—उडना ।—छूटना ।—फूटना । मुहा॰—आँखो से चिनगारी छूटना = क्रोध से आँखें लाल लाल होना । चिनगारी छोड़ना = धीरे से ऐसी बात कर बैठना जिससे किसी प्रकार का उपद्रव खड़ा हो जाय । कोई ऐसी बात कह देना जिससे लोगों में लड़ाई झगड़ा हो जाय । ऐसी चाल चलना जिससे एक नई बात खड़ी हो जाय । चिनगारी डालना = (१) आग लगाना । (२) दे॰ 'चिनगारी छोड़ना' ।