चुभना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चुभना क्रि॰ स॰ [अनु॰]
१. किसी नुकीली वस्तु का दबाव पाकर किसी नरम वस्तु के भीतर घुसना । गड़ना । धँसना । जैसे,— काँटा चुभना, सुई चुभना ।
२. हृदय में खटकना । चित्तपर चोट पहुँचना । मन में व्यथा उत्पन्न होना । जैसे, उसकी चुभती हुई बातें क्हाँ तक सुनें ।
३. मन में बैठना । हृदय पर प्रभाव करना । चित्त में बना रहना । जैसे,—उसकी बात मेरे मन में चुभगई । उ॰—टरति न टारे यह छबि मन में चुभी ।—सूर (शब्द॰) ।
४. मग्न । लीन । तन्मय । उ॰— जिमि बालि चल्यो लखि दुंदुभी तिमि सोह्यो मति रन चुभी ।—गोपाल (शब्द॰) ।