चूड़ा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चूड़ा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चूड़ा]
१. चोटी । शिखा । चुरकी ।
चूड़ा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ चूड़ा (= बाहुभूषण)]
१. कंकण । कड़ा । वलय ।
२. हाथों में पहनने के लिये छोटी बड़ी बहुत सी चूड़ियों का समूह जो किसी जाति में नववधू और किसी किसी जाती में प्रायः सब विवाहिता स्त्रियाँ पहनती हैं । विशेष—चूड़े प्रायः हाथी दाँत के बनते हैं । उनमें की सबसे छोटी चूड़ी पहुँचे के पास रहती है और बीच की चूड़ियाँ गावदुम रहती हैं ।
चूड़ा ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चुहडा] दे॰ 'चुहड़ा' ।
चूड़ा ^४ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चिउड़ा] दे॰ 'चिउड़ा' ।