सामग्री पर जाएँ

चेना

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चेना ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ चणक]

१. कँगनी या साँवाँ की जाति का एक अन्न जो चैत बैसाख में बोया या असाढ़ में काटा जाता है । विशेष— इसके दाने छोटे, गोल और बहुत सुंदर होते हैं । इसे पानी की बहुत आवश्यकता होती है, यहाँ तक कि काटने से तीन चार दिन पहले तक इसमें पानी दिया जाता है । इसी लिये खेतिहरों में एक मसल है —'बारह पानी चेन, नहीं तो लेन का देन ।' कहते हैं, इस देश में यह अन्न मिश्र या अरब से आया है । यह हिमालय में १०, ॰॰० फुट की ऊँचाई तक होता है । यह पानी या दूध में चावल की तरह पकाकर खाया जाता है और बहुत पौष्टिक समझा जाता है । शिमला के आसपास के लोग इसकी रोटियाँ भी बनाकर खाते है । पंजाब में इसकी खेती प्रायः चारे के लिये ही होती है । वैद्यक में इसे शोतल, कसैला, शक्तिवर्धक और भारी माना है ।

२. चेंच नामक साग ।

चेना ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चीना] दे॰ 'चीनी कपूर' ।