चेला
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चेला † ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ चेटक, प्रा॰ चेडआ, वेडा] [स्त्री॰ चेलिन, चेली ]
१. वह जिसने देक्षा ली हो ।वह जिसने कोई धार्मिक उपदेश ग्रहण किया हो ।शिष्य । क्रि॰ प्र॰ — करना । — बनना ।— बनाना ।— होना । मुहा॰— चेला मूँडना = चेला बनाना । शिष्य बनाना । विशेष— संन्यासियों में दिक्षा के समय दीक्षित का सिर मूँडा जाता है; इसी से यह मुहावरा बना है ।
२. वह जिसने शिक्षा ली हो । वह जिसने कोई विषय सीखा हो । शागिर्द । विद्यार्थी । छात्र । विशेष— दिक्षा या शिक्षा देनेवाले को गुरु और दिक्षा या शिक्षा लेनेवाले को उस (गुरु) का चेला कहते हैं । यौ॰—चेलाचाटी— चेलों का वर्ग या समूह ।
चेला ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰]
१. एक प्रकार का साँप जो बंगाल में अधिकता से पाया जाता है ।
२. एक प्रकार की छोटी मछली । चेल्हा ।