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चोखा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चोखा ^१ वि॰ [सं॰ चोक्ष]

१. जिसमें किसी प्रकार का मैल, खोट या मिलावट आदि न हो । जो शुद्ध और उत्तम हो । जैसे,— चोखा घी, चोखा माल ।

२. जो सच्चा और ईमानदार हो । खरा । जैसे,— चोखा असामी ।

३. जिसकी धार तेज हो । धारदार ।

४. सबमें चतुर या श्रेष्ठ । जैसे, तुम्हीं चोखे निकले जो अपना सब काम करके छुट्टी पा गए ।

चोखा ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. उबाले या भूने हुए बैगन, आलू या अरुई आदि को नमक मिर्च आदि के साथ मलकर (और कभी कभी घी या तेल में छौंककर) तैयार किया हुआ सालन । भरता । भुरता ।

२. चावल ।— (डीं॰) ।