चौधरी

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चौधरी संज्ञा पुं॰ [सं॰ चतुर (= तकिया, मसनद ) + घर (= धरनेवाला)]

१. किसी जाति, समाज या मंडली का मुखिया जिसके निर्णय को उस जाति, समाज या मंडली के लोग मानते हैं । प्रधान । उ॰— भनै रघुराज कारपण्य पणय चौधरि है जग के विकार जेते सबै सरदार है ।—(शब्द॰) ।

२. कुनबी या कुर्मी नामक जाति । विशेष— कुछ लोग इस शब्द की व्युत्पत्ति 'चतुधुँ राँण' शब्द से बतलाते हैं ।