चौरासी

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विशेषण

संज्ञा

संख्या ८४

अनुवाद

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

चौरासी ^१ वि॰ [सं॰ चतुरशीति, प्रा॰ चउरासीइ] अस्सी से चार अधिक । जो संख्या में अस्सी और चार हो ।

चौरासी ^२ संज्ञा पुं॰

१. अस्सी से चार अधिक की संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है—८४ ।

२. चौरासी लक्ष योनि । उ॰— आकर चारि लाख चौरासी । जाति जीव जल थल नभ बासी—मानस, १ ।८ । विशेष—पुराणों के अनुसार जीव चौरसी लाख प्रकार के माने गए हैं । मुहा॰—चौरासी में पड़ना या भरमना = निरंतर बार बार कई प्रकार के शरीर धारण करना । आवागमन के चक्र में पड़ना । उ॰—चौरासी पर नाचत उस उपदेसत छबिधारी ।— देवस्वामी । (शब्द॰) ।

३. एक प्रकार का घुँघरू । पैर में पहनने का घुँघुरूओं का गुच्छा जिसे नाचते समय पहनते हैं । उ॰—मानिक जड़े सीम ओ काँधे । चँवर लाग चौरासी बाँधे—जायसी (सब्द॰) ।

४. पत्थर काटने की एक प्रकार की टाँकी ।

५. एक प्रकार की रूखानी ।