चौलाई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चौलाई संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चौ+राई (=दाने)] एक पौधा जिसका साग खाया जाता है । उ॰—चौलाई लाल्हा अरू पोई । मध्य मेलि निबुओन निचोई ।—सूर (शब्द॰) । विशेष—यह हाथ भर के करीब ऊँचा होता है । इसकी गोल पत्तियाँ सिरे पर तिपटा होता हैं और ड़ंठलों का रंग लाल होता है । यह पौधा वास्तव में छोटा जाति का मरसा है । इसमें भी मरसे के समान मंजरियाँ लगती हैं जिनमें राई के इतने बड़े काले दाने पड़ते हैं । वैद्यक में चौलाई हलकी, शीतल रूखी, पित—कफ—नाशक, मल—मुत्र—नि:सारक, विष— नाशक और दीपन मानी जाती है । पर्याय—तंड़ुलीय । मेघनाद । कांड़ेर । तंड़ुलेरक । झंड़ीर । विषध्न । अल्पमारिष, इत्यादि ।