छँड़ाना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
छँड़ाना पु † क्रि॰ स॰ [हिं॰ छुड़ाना] छीनना । छुड़ाकर ले लेना । उ॰—(क) लेहु छँड़ाइ सीय कहँ कोऊ । धरि बाँधहु नृप बालक दोऊ ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) सखन संग हरि जेवँत जात । सुबल सुदामा श्रीदामा सँग सव मिलि भोजन रुचि सों खात । ग्वालन कर ते कौर छँड़ावत मुख लै मेलि सराहत जात ।—सूर (शब्द॰) ।