छपरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छपरी पु † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ छप्पर] झोपड़ी । मढ़ी । उ॰— चंदन की कुटकी भली, बँबूर की अबराँड़ँ । बैश्नों की छपरी भवी, ना साषत का बड़ गाँउँ । कबीर ग्रं॰, पृ॰ ५२ ।