सामग्री पर जाएँ

छपा

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

छपा पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्षपा]

१. रात्रि । रात । उ॰—छपन छपा के, रवि इव भा के, दंड उतंग उड़ाके । विविध कता के, बँधे पताके, छुबै जे रवि रथ चाके ।—रघुराज (शब्द॰) ।

२. हरिद्रा । हलदी ।