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छागल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छागल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. बकरा । बकरे के खाल की बनी हुई चीज ।

३. एक प्रकार का मत्स्य [को॰] ।

छागल ^२ संज्ञा स्त्री॰

१. चमड़े का डोल या छोटी मशक जिसमें पानी भरा या रखा जाता है । यह प्रायः बकरे के चमड़े का बनता है ।

२. मिट्टी का करवा ।

छागल ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ साँकल] एक गहना जिसे स्त्रियाँ पैरों में पहनती हैं । चाँदी की पटरी का गोलकड़ा जिसमें घुँघरू लगे रहते हैं । झाँजन ।