छितराना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छितराना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ क्षिप्त+करण, प्रा॰ छितकरण, छित्तरण अथवा सं॰ संस्तरण] खंडों या कणों का गिरकर इधर उधर फैलना । बहुत सी वस्तुओं का बिना किसी क्रम के इधर उधर पड़ना । तितर बितर होना । बिखरना । जैसे,—(क) हाथ से गिरकर सब चने जमीन पर छितरा गए (ख) सब चीजें इधर उधर छितराई पड़ी हैं, उठाकर ठिकाने से रख दो ।

छितराना ^२ क्रि॰ स॰

१. खंडों या कणों को गिराकर इधर उधर फैलाना । बहुत सी वस्तुओं को बिना किसी क्रम के इधर उधर डालना । बिखराना । छींटना ।

२. सटी हुई वस्तुओं को अलग अलग करना । दूर दूर करना । घनी वस्तुओं को विरल करना । मुहा॰—टाँग छितराना = दोनों टाँगों को बगल की ओर दूर दूर रखना । टँगों को बगल या पार्श्व की ओर फैलाना । जैसे, टाँग छितराकर चलना ।