छिपना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छिपना क्रि॰ अ॰ [सं॰ क्षिप + डालना]

१. आवरण या ओट में होना । ऐसी स्थिति में होना जहाँ से दिखाई न पड़े । जैसे,— (क) वह लड़का हमें देखकर छिपने का यत्न करता है । (ख) यहाँ न जाने कितने ग्रंथरत्न छिपे पड़े हैं ।

२. आवरण या ओट में होने के कारण दिखाई न देना । अदृश्य होना । देखने में न आना । जैसे, सूर्य का छिपना ।

३. जो प्रकट न हो । जो स्पष्ट न हो । गुप्त । जैसे,—इसमें उनका कुछ छिपा हुआ मतलब तो नहीं है ।