छिलना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छिलना क्रि॰ अ॰ [हिं॰ छीलना]

१. इस प्रकार कटना जिसमें ऊपरी सतह या आवरण निकल जाय । छिलके या चमडे़ का कटकर अलग होना । उधड़ना ।

२. रगड़ या आघात से ऊपरी चमडे़ का कुछ भाग कटकर अलग हो जाना । खरोंच जाना । जैसे,—पैर में जरा सा छिल गया है ।

३. गले के भीतर चुनचुनाहट या खुजली सी होना । जैसे,—सूरन से सारा गला छिल गया । संयो॰ क्रि॰—उठना ।—जाना ।