छुआछूत संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ छूना] १. अछूत को छूने की क्रिया । अस्पृश्य स्पर्श । अशुचि संसर्ग । जैसे,—यहाँ छुआछूत मत करो । २. स्पृश्य अस्पृश्य का विचार । छूत का विचार । जैसे,—वहाँ छुआछूत का बखेड़ा नहीं है ।