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छुई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छुई मुई संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ छूना + मुवना] एक छोटा कँटीला पौधा जिसकी पत्तियों बबूल की सी होती हैं । इसमें यह विशेषता है कि जहाँ पत्तियों को किसी ने छूआ कि वे बंद हो जाती हैं और उनके सींके लटक जाते हैं । लज्जालु । लज्जावंती । लजाधुर । लजारो । वि॰ दे॰ 'लज्जावंती' ।

२. अत्यंत कमजोर कोई चीज ।

३. लजाधुर की तरह स्वभाव— वाला व्यक्ति । नाजुकमिजाज । मुहा॰—छुई मुई बनना = संकुचित होना । कायल होना । मौन हो जाना । उ॰—सब बातों में खोज तुम्हारी रट सी लगी हुई है । किंतु स्पर्श से तर्क करों के बनता छूई मुई है ।— कामायनी, पृ॰ १११ ।