छेना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]छेना ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰छेदन]
१. फाडा हुआ दूध जिसका पानी निचोडकर निकाल दिया गया हो । फटे दूध का खोया । पनीर । विशेष—इसकी बनाने की रीति यह है की खौलते हुए दूध में खटाई या फिटकारी डाल देते हैं जिससे वह फट जाता है अर्थात उसेक पानी का अंश सफेद भुरभुरे अंश से अलग हो जाता है । फिर फटे हुए दूध को एक कपडे में रखकर निचोडते हैं जिससे पानी निकल जाता है और दूध का सफेद भुरभुरा अंश बच रहता है जो छेना कहलाता है । इस छेने से बंगाल अनेक प्रकार की मिठाईयाँ बनती है । दही गरम करके भी एक प्रकार का छेना बनाया जाता है ।
२. कंडा । उपला । गोईँठा । गोहरी ।
छेना ^२ क्रि॰ स॰
१. कुल्हाडी आदि से काटना या घाव करना । छिनगाना ।
२. छीजना । दे॰ 'छैना' ।