जंगली
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जंगली वि॰ [हिं॰ जंगल]
१. जंगल में मिलने या होनेवाला । जंगल संबंधी । जैसे, जंगली लकड़ी, जंगली कंड़ा ।
२. आपसे आप होनेवाला । (वनस्पति) । बिना बोए या लगाए उगनेवाल । जैसे, जंगली आम, जंगली कपास ।
३. जंगल में रहनेवाला । बनैला । जैसे, जंगली आदमी, जंगली जानवर, जंगली हाथी ।
४. जो घरेलू या पालतू न हो । जैसे, जंगली कबूतर ।
५. असभ्य । उजड्ड । बिना सलोके का । जैसे, जंगली आदमी ।
जंगली बादाम संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जंगली + बादाम]
१. कतीले की खाति का एक पेड़ । पूल । पिनार । विशेष—वह वृक्ष भारतवर्ष के पश्चिमी घाट के पहाड़ों तथा वर्तमान और टनासरिन के ऊपरी भागों में होता है । इसमें के एक प्रकार का गोंद निकलता है । यह पेड़ फागुन चैत में फूटता है और इसके फूलों से कड़ी दुर्गंध आती है । इसके फलों के बीज कौ उबालकर तेल निकाला जाता है । इन बीजों को महँनी के दिनों में लोग भूनकर भी खाते हैं । फूल और पत्तियाँ औषध के काम में आती हैं । इसे पून ओर पिनार भी कहते हैं ।
२. हड़ की जाति का एक पेड़ । विशेष—वह अंडमन के टापू तथा भारतवर्ष और बर्मा में भी उत्पन्न होता है । इसकी छाल से एक प्रकार का गोंद निकलता है और इसके बीज से एक प्रकार का बहूमूल्य तेल निकलता है जो गंध और गुण में बादम के तेल के समान ही होता है । इसकी पत्तियाँ कसंली होती है और चमड़ा सिझाने के काम में आती हैं । इसके बीज को लोग गजक की तरह खाते है और इसकी कली सुअरों को खिलाई जाती है । इसकी छान, पत्ती, बीज, तेल आदि सब औषध के काम में आते हैं । लोग इसकी पत्तियाँ रेशम के कीड़ों को भी खिलाते हैं । इसे हिंदी बदाम और नट बदाम भी कहते है ।
जंगली रेंड़ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जंगली + रेंड़] दे॰ 'बन रेंड' ।