जंत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जंत ^१पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ जन्तु] प्राणी । जीव । जंतु । उ॰— कर्माहि करि उपजत ये जंत । कर्महि करि पुनि सबकौं अंत ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३०९ । यौ॰—जीवजंत = जीव जंतु । उ॰—(क) जीवजंत घन विघन बन जीव जीव बल छीन ।—पृ॰ रा॰, ६ ।२२ । (ख) जा दिन जीव जंत नहीं कोई ।—रामानंद, पृ॰ १२ ।
जंत ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ यन्त्र; प्रा॰ जंत] यंत्र । तांत्रिक यंत्र । जंतर । यौ॰—जंत मंत = जंतर मंतर