जंत्रना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जंत्रना ^१ क्रि॰ स॰ [हिं॰ जत्र] ताला लगाना । ताले के भीतर बंद करना । जकड़बंद करना । उ॰—सभा राउ गुरुमहिसुर मंत्री । भरत भगति सबकै मति जंत्री ।—तुलसी (शब्द॰) ।

जंत्रना ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ यन्त्रणा] दे॰ 'यंत्रणा' ।