जंत्रमंत्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ यन्त्र मन्त्र] दे॰ 'जंतर मंतर', 'यंत्र मंत्र' । उ॰—जयति पर जंत्र मंत्राभिचार ग्रसन, कारमनि कूट कृत्थादि हंता ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ४६७ ।